बच्चे के जीवन मे " माँ " कि भूमिका भगवान के बराबर होती है । क्योकि एक बच्चे को जीवन माँ ही देती है उसे उस काबिल बनाती है कि आगे चल कर वह एक अच्छा इंसान बने । माँ का प्रेम इस संसार के सभी प्रेमो से बढकर है , माँ की ममता को ना ही आज तक कोई नाप पाया है, और ना ही समझ । क्योकि जब एक तरफ माँ हमे डाटती है , तो वही दूसरे पल में ही , बहुत प्यार करती है । हम खाना ना खाए तो बहुत चिंतित , और जब हम खाना खा ले , तब जाकर संतोष पूर्वक खुद खाना खाती है " माँ "। कई बार तो माँ अपने खाने को झूठ बोल कर खिला देती है , कि मैने खाना खा लिया है अब तुम इस खाने को खा लो । माँ का प्यार हमारे जीवन मे भगवान का दिया हुआ एक बहुत बड़ा तोहफा है , जो हमारे पैदा होने पर ही भगवान हमे दे देता है । उसी पल से माँ हमे हमेशा अपने ममता के घेरे मे रखती है और ना ही कभी भी हमारे शरीर पर आँच आने देती , ना ही कभी - भी हमारे जीवन मे कोई भी परेशानी । ऐसी होती है " माँ " । ...