नई व पुरानी फिल्म


मनोरंजन की दुनिया मे फिल्म जगत का बहुत बड़ा नाम है । फिल्म जगत हमारे साथ कई सालो से चलता आ रहा है , हमारे साथ इसका रिस्ता ऐसा हो गया है जैसे एक डोर के साथ पतंग । युवाओ और उसकी साथ के पीढियो मे इसे बहुत पसंद किया जाता है , क्योकि यह फिल्मे हमे बहुत कुछ ऐसा सीखा जाती है जिसे हम जानते तो है पर फिर भी उस से अंजान रहते है । फिल्मे हमे बहुत कुछ मनोरंजन तो देती है पर उसके साथ हमे बहुत सारा ज्ञान , सीखने योग्य बाते , जीवन जीने कुछ सलीके और बहुत सी जीवन शैलियो के बारे मे बताता है ।


                         फिल्म जगत मे आज वर्तमान जो भी हम देखते है वह अब सच्चाई नही रह गई है । क्योकि आज की फिल्मे 19 के दसक से अब बहुत ही बदल गई है । आज की फिल्मो मे बहुत सारी बाते ऐसे दिखाई जाती है ,  जिनका वास्ता आज के असल जीवन से बिल्कुल परे है । आज के फिल्मो मे झलावा के सिवाय कुछ नही रह गया है । वह पुरानी फिल्मो के मुकाबले आज की फिल्म जगत बहुत ज्यादा बदल गया है । पुरानी फिल्मो मे एक भाषा होती थी पर आज के फिल्म जगत मे आम बोल चाल को ज्यादा महत्वाता दी जाती है । और आज की जो आम बोल चाल वाली भाषा है उसको पुरानी पीढ़ी के मुकाबले अभी की युवा पीढ़ी अच्छे से समझ तो जाती है और पसंद भी करती है । पर बुजूर्गो की पीढ़ी इस चीज मे अब पीछे रह जाती है । क्योकि युवा ऐसी ही भाषा बोलती है और यही भाषा पसंद करती है और फिल्मो मे देखना भी चाहती है । पर इन सब चीजो से बुजूर्गो की पीढ़ी को बहुत फर्क पढता है क्योकि ये नई भाषा जो युवाओ मे प्रचलित है उसे बुजूर्ग पीढ़ी जल्दी समझ नही पाती है और ये वे पसंद नही करते ।

                                     आज फिल्म जगत पूरे विश्व मे युवाओ को बहुत पसंद आ रही पर वही बुजूर्ग पीढ़ी आज भी इसे समझने मे पीछे रह जाती है । क्योकि फिल्म जगत का मुख्य निशाना युवा है और युवाओ को देख कर ही फिल्म जगत फिल्मो को बनाती है । पहले की फिल्मो मे सभी को ध्यान मे रख कर फिल्मो को बनाया जाता था । पर अब बिल्कुल भी ऐसा नही रह गया है । पुरानी फिल्मो मे बहुत सरलता होती थी जिसे परिवार के सभी लोग छोटे से बड़े हो सब समझ जाते थे । पर अब ऐसा बहुत कम हो गया है । आज की फिल्मो मे ऐसे - ऐसे तथ्त लेकर आ जाते है । जिसे हम परिवार के साथ नही देख सकते । पर इसे युवा पीढ़ी बहुत ही चाव से देखना पसंद करती है । पर ऐसी फिल्मो को बुजूर्ग पीढ़ी नही देख पाती क्योकि ये 19 के दसक से बहुत ही ज्यादा अलग है पुरानी फिल्मो के मुकाबले आज की फिल्मो मे वह बात नही रह गई है ।

 इसका एक मुख्य कारण यह भी है , कि आज की फिल्मो मे बहुत आम बोलचाल और अंग्रेजी शब्दो का प्रयोग किया जाता है , जिससे बुजूर्ग पीढ़ी मे इसे समझना बहुत मुसकिल बन जाता है । फिल्मो मे कुछ ऐसे शब्दो या भाषा प्रयोग कर लिया जाता है जिससे अभावता का मन पैदा होता है । यह भी कारण है कि वर्तमान मे बुजूर्ग फिल्मो को उतना पसंद नही करते । क्योकि फिल्म जगत मे बहुत बदलाव आ गया है । और आज की युवा पीढ़ी ऐसी ही फिल्मो का समर्थन करती है । और फिल्म जगत मे ऐसी ही फिल्मे बनती है इसलिए यही वज़ह है कि वर्तमान समय की फिल्मे पहले की दसको की फिल्मो से अलग है ।

********************************************************************************

Comments

Popular posts from this blog

एक कलम

सड़क सुरक्षा

चंद्रशेखर आज़ाद