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परीक्षा

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परीक्षा का मनोविज्ञान परीक्षा मतलब पर +  इच्छा –परीक्षा में हमेशा दूसरे व्यक्ति  की ही इच्छा का महत्व रहता है ,बच्चे साल भर पढते है ,लेकिन पेपर कोई दूसरा बनाता है ओर जांचता भी है   कोई और |परीक्षा का भय तो ऐसा है कि बड़े बड़े व्यक्ति भी परीक्षा के नाम से भागते है |अगर हम परीक्षा के मनोविज्ञान को समझने की कोशिश करे तो हम पाते है कि एक नियत समय में ,साल भर की पढाई की जाँच सिर्फ तीन घंटे में की जाएगी |तो इस     समय में जरुरी है कि बच्चे अपना आत्म विश्वास बनाये रखे और एकदम शांत और संतुलित रह कर परीक्षा की तैयारी करे| परीक्षा का तनाव क्या होता है ?यह सवाल आप किसी भी छात्र से करे ,तो उसके हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा तनाव यही है पूरे साल मेहनत की है .पर अब हताश हो रहे है |पता नहीं क्या होगा ?  अब जबकि परीक्षाएं करीब आ चुकी हैं और कुछ ही दिन शेष रह गएँ हैं,स्वाभाविक है  कि बच्चों  और पालकों में  उत्सुकता ,घबराहट  एवं तनाव की स्तिथियाँ निर्मित हो जाती हैं | वैसे तो कम वक़्त बचा हो और लम्बा रास्ता तय करना हो तो वाहन चालक को गति बढ़ानी ...

पर्यावरण

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पर्यावरण का मतलब है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधें, पशु, ठोस सामग्री, कचरा, धूप, जंगल और अन्य वस्तु। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, पोषित और विकसित करने में मदद करता है। हालांकि अब कुछ तकनीकी उन्नति परिणाम स्वरुप मानव निर्मित चीजे वातावरण को कई प्रकार से विकृत कर रहीं हैं जोकि अंततः प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है। हम अपने जीवन को साथ ही साथ इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं| यदि हम प्रकृति के अनुशासन के खिलाफ गलत तरीके से कुछ भी करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल को अस्तव्यस्त करती है। प्राकृतिक वातावरण के अलावा, मानव निर्मित वातावरण भी मौजूद है जो की प्रौद्योगिकी, काम के माहौल, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, सुविधाएं और शहरीकरण के साथ सम्बंधित है| मानव निर्मित वातावरण काफी हद तक प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित करता है जिसे हम सभी एकजुट होकर बचा सकते हैं| प्राकृतिक वातावरण के घटक संसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है हालाँकि ...

चंद्रशेखर आज़ाद

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'चंद्र शेखर आज़ाद' का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था, जो बदर गांव, जिला-उन्नाव, उत्तर प्रदेश के निवासी थे। उनकी माँ का नाम जगरानी देवी था। आजाद का प्रारम्भिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित भाबरा गाँव में बीता। चंद्रशेखर आज़ाद, मात्र 17 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी दल ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में सम्मिलित हो गए। उन्होंने दल में प्रभावी भूमिका निभायी। उन्होंने प्रसिद्ध ‘काकोरी कांड’ में सक्रिय भाग लिया। सांडर्स वध, सेण्ट्रल असेम्बली में भगत सिंह द्वारा बम फेंकना, वाइसराय की ट्रेन बम से उड़ाने की चेष्टा, सबके नेता वही थे। 1921 में जब महात्‍मा गाँधी ने असहयोग आन्दोलन प्रारंभ किया तो उन्होंने उसमे सक्रिय योगदान किया। चंद्रशेखर आज़ाद के ही सफल नेतृत्व में भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली की केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट किया। 27 फ़रवरी, 1931 को जब चंद्रशेखर आज़ाद अपने साथी सुखदेव राज के साथ एल्फ्रेड पार्क में बैठकर विचार–विमर्श कर रहे थे तो मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उन्हें घेर लिया। बहुत देर तक आज...

सड़क सुरक्षा

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सड़क पर होने के दौरान सड़क सुरक्षा बहुत ही जरुरी है और सभी के द्वारा जरुर जानना चाहिये क्योंकि मृत्यु की मुख्य वजहें सड़क दुर्घटना बन रही है। सभी को यातायात नियमों और सुरक्षा नियमों के बारे में अपने शुरुआती समय से ही जानना चाहिये जिससे बाद के जीवन में वो एक सुरक्षात्मक व्यवहार अपना सकें। यहाँ पर कुछ सड़क सुरक्षा नियम दिये गये है: -सड़क पर चलने वाले सभी को अपने बाँये तरफ होके चलना चाहिये खासतौर से चालक को और दूसरी तरफ से आ रहे वाहन को जाने देना चाहिये। -चालक को सड़क पर गाड़ी घुमाते समय गति धीमी रखनी चाहिये। -अधिक व्यस्त सड़कों और रोड जंक्शन पर चलते समय ज्यादा सावधानी बरतें। -दोपहिया वाहन चालकों को अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट पहनने चाहिये नहीं तो उन्हें बिना हेलमेट के रोड पर नहीं आना चाहिये। -गाड़ी की गति निर्धारित सीमा तक ही रखें खासतौर से स्कूल, हॉस्पिटल, कॉलोनी आदि क्षेत्रों में। -सभी वाहनों को दूसरे वाहनों से निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिये। -सड़कों पर चलने वाले सभी लोगों को रोड पर बने निशान और नियमों की अच्छे से जानकारी हो। -यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा के नियम-कानूनों को ...

सड़क यातायात (ट्राफिक)

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मनुष्य सड़कों का उपयोग लंबे समय से करता रहा है । पुरानी सड़कें अच्छी नहीं होती थीं । वे प्राय: कच्ची सड़कें होती थीं जिन पर बरसात के दिनों में आवागमन संभव नहीं हो पाता था । आधुनिक काल की सड़कें अच्छी होती हैं । ये पत्थरों, रोडियों तथा अलकतरे की बनी होती हैं अथवा कंक्रीट की बनी सीमेन्टिड होती हैं । पक्की सड़कें टिकाऊ होती हैं तथा इन पर जल का जमाव नहीं होता है । इन सड़कों पर यातायात सरल हो जाता है । सड़कों पर होने वाले यातायात का जनता के लिए बहुत महत्त्व है । सड़क यातायात सुचारू रूप से हो सके इसके लिए कानून बनाए गए हैं । भारत में सड़क की बाई ओर चलने का नियम है । सड़कों पर भारी वाहनों को एक निर्धारित गति सीमा तक ही चलाया जा सकता है । चौराहों पर संकेतक बत्तियाँ लगाई जाती हैं ताकि सड़क जाम तथा दुर्घटना जैसी स्थितियों का कम से कम सामना करना पड़े । जहाँ ट्रैफिक लाइटें नहीं होती हैं वहाँ यातायात पुलिस हाथ के इशारे से यात्रियों को रुकने या जाने का संकेत करती हैं । पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए भूमिगत पार पथ तथा फुटपाथ बनाए जाते हैं । जेब्रा क्रार्सिंग बनाई जाती हैं ताकि पैदल यात्री आरामदायक ढंग स...

एक कलम

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एक कलम एक उपयोगी तत्व है। हम इसे लिखने के लिए उपयोग करते हैं। इसके अंदर एक बहती स्याही है। यह प्लास्टिक, लोहे आदि से बना है। विभिन्न रंगों के कई पेन हैं यह छात्रों का एक हिस्सा और पार्सल है। कलम तलवार से ज्यादा शक्तिशाली है। यह हमारे लिए पुराने समय के विचार, कल्पना, प्रयोग सिद्धांतों, मूल्यों और मान्यताओं को लाया। पेन सभी घटनाओं के पीछे एक कारण है और मनुष्यों को लंबे समय तक चलने वाली परियोजना पर ध्यान केंद्रित करने, सोचने और काम करने के लिए एक आविष्कार में बदलने के लिए रखा जाता है।   कलम खुशी और दुख, जन्म और मृत्यु लिखता है, जीत और सच्चाई और झूठ को हराने। कलम में उंगलियों की तरह कोई विकल्प नहीं है। कीबोर्ड विज्ञापन माउस इसे पराजित नहीं कर सका। यह खुद को डिजिटल बनाकर चुनौती दी। यह किसी भी अन्य लेखन उपकरण की तुलना में हाथ में अधिक पारंपरिक है। कहानी, कविता, जीवनी, खोज, गीत, प्रयोग, थीसिस, शोध पत्र इत्यादि एक कलम की सभी रचनात्मकता हैं। मानव संबंध, देश कूटनीति, भूमि पंजीकरण अभी भी कलम के साथ अनुमोदित हैं। कलम मनुष्यों के लिए बहुत दयालु है कि यह मौत की सजा लिखने के बाद खुद क...

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

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डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम वास्तव में देश के सभी युवाओं के लिये एक सच्चे दिग्गज थे। अपने पूरे जीवन, पेशे, कार्य और लेखन के माध्यम से नयी पीढ़ी को उन्होंने हमेशा प्रेरणा दी है। वो आज भी हमारे दिलों में मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में मौजूद हैं। वो एक महान वैज्ञानिक थे और वैमानिकी इंजीनियर थे जो बहुत निकटता से भारत के मिसाइल कार्यक्रमों से जुड़े हुए थे। उन्होंने बाद में देश के 11वें राष्ट्रपति के रुप में 2002 से 2007 तक देश को अपनी बहुमूल्य सेवा प्रदान की। ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम् में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था और इनका निधन 27 जुलाई 2015 में मेघालय के शिलांग में हुआ। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से ग्रेजुएशन करने के बाद वो रक्षा अनुसांधन एवं विकास संगठन से जुड़े। अब्दुल कलाम ने एक महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई (भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के पिता) के सानिध्य में कार्य किया। बाद में 1969 में कलाम भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र, एसएलवी-तृतीय के प्रोजेक्ट निदेश...